नया साल हम सबके लिए खुशियां लेकर आए यही कामना है हमारी। नए साल पर पेश है कुछ ऐसी अहम सावधानियां जो हम दैनिक जीवन में अपना कर साल भर को शुभ बना सकते हैं। नए साल के साथ हमारा हर दिन शुभ हो, हर दिन मंगलमयी हो। जानिए वे कौन सी बातें हैं जो हमारा जीवन खुशहाल बना सकती है-
मेष- शनि के लिए छाया दान करें। केतु के लिए काले कुत्ते को तेल लगाकर रोटी खिलाएं। गणेश आराधना ठीक रहे। अमावस्या को पितरों के निमित्त भोजन कराएं।
वृषभ- हनुमान मंदिर में बैठकर हनुमान चालीसा का पाठ नित्य करें। सूर्य को अर्घ्य दें। वृद्धों की सेवा करें व आशीर्वाद लें। शिव मंदिर में दूध-मिश्रित जल चढ़ाएं।
मिथुन- शिवजी का अभिषेक करें। ‘ॐ नम: शिवाय’ का जप नित्य करें। पक्षियों को दाना दें। गरीबों-अपंगों को भोजन दें। शनिवार को हनुमान मंदिर में दीपक लगाकर भोग चढ़ाएं।
कर्क- संतों-वृद्धों-गुरु की सेवा करें। कुत्ते-कौए को भोजन दें। पितरों के निमित्त दान दें। हनुमानजी का कोई भी मंत्र-स्तोत्र का यथाशक्ति जाप करें। माता-पिता का अपमान न करें।
सिंह- देवी लक्ष्मी-दुर्गा का पूजन-अर्चन करें। कुमारी पूजन-भोजन करवाएं, कृपा मिलेगी। कुत्तों को रोटी खिलाएं। सूर्य को अर्घ्य दें। हनुमानजी की सेवा करें।
कन्या- अपने कुल देवता या इष्ट देवता की आराधना करें। क्लेशों में शांति होगी। गाय को रोटी दें। दुर्गार्चन शुभ रहे। किसी का भी अपमान न करें। कोयले पानी में बहाएं।
तुला- हनुमान बाहुक, हनुमान चालीसा, बजरंग बाण में से कोई एक के 11 पाठ रोज करें। बंदरों को गुड़-चना खिलाएं। गाय-कुत्ते को रोटी दें। माता-पिता को प्रणाम कर घर से निकलें। किसी का अपमान न करें।
वृश्चिक- हनुमानजी की आराधना शुभ रहे। शनि दर्शन करें। लहसुन, तेल, लोहे का दान करें। शिवजी को जल चढ़ाएं। वरिष्ठों का आशीर्वाद प्राप्त करें। चींटियों को चुग्गा दें।
धनु- गुरु, संत, वृद्धों की सेवा करें। ‘श्रीकृष्ण शरणं मम्’ का जप करें। ‘ऐं ह्रीं क्लीं चामुण्डायै विच्चे’ का जप करें। वस्त्र-भोजन दान दें।
मकर- दुर्गार्चन शुभ रहे। गुरु की सेवा करें। ‘ॐ परम तत्वाय नारायणाय गुरुभ्यो नम:’ जपें। कन्या बटुक भोजन करवाएं। इष्ट आराधना करें।
कुंभ- ध्यानयोग-राजयोग करें। श्रीमद् भगवत गीता का पाठ नित्य करें व मनन करें। काली-तारा उपासना शुभ रहे। महिलाओं का सम्मान करें।
मीन- पीपल, बड़, आंवला इत्यादि के वृक्ष लगाकर सेवा करें। नित्य पीपल-बड़ में जल दीपक लगाएं तथा परिक्रमा करें।
नोट : सभी राशियों के लिए बालक, वृद्ध, स्त्री, वनस्पति, नदी, जल का सम्मान करें। अत्यधिक भाषण क्लेशकारक हो सकता है। व्यसनों से दूरी प्रगति प्रशस्त करती है। स्वाध्याय व इष्ट आराधना संकट में सहायता करती है।