पिछले कुछ दिनों से सोशल मीडिया पर पवनपुत्र हनुमान भगवान की जाति को लेकर काफी कुछ चल रहा है। नेता अपनी-अपनी मर्जी से कुछ भी बता रहे हैं। लेकिन हिंदू धर्म में धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, पवनपुत्र हनुमान जी की महिमा का गुणगान जितना किया जाए उतना कम है। 
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कलियुग में बजरंगबली के बारे में ऐसा कहा जाता है कि वे अमर हैं। कहा जाता है कि भगवान हनुमान जी हिमालय के जंगलों में रहते हैं, लेकिन उनकी मौजूदगी के प्रमाण अब तक नहीं मिल सके हैं। लेकिन आज हम आपको सोशल मीडिया पर वायरल हो रही हनुमान जी से जुड़ी इस कहानी के बारे में बताने जा रहे हैं कि क्या सच में आज भी हनुमान जी हमारे आस-पास हैं।
आपको बता दें कि कुछ साल पहले एक खबर सुर्खियों में आई थी कि हनुमान जी अब भी अपने भक्तों की पुकार सुन उनके पास आते हैं। मीडिया रिपोर्ट से मिली जानकारी के अनुसार, श्रीलंका के जंगलों में ‘मातंग’ नाम की एक जनजाती निवास करती है। इन कबीलाई लोगों का कहना है कि आज भी उनसे मिलने हनुमान जी आते हैं।
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एक अंग्रेजी अखबार ने इन जनजातियों पर अध्ययन करने वाले आध्यात्मिक संगठन ‘सेतु’ के हवाले से इस सनसनीखेज खोज का खुलासा किया है। कहा गया है कि हनुमान जी इस जनजाति के लोगों से साल 2014 में मिलने आए थे, अब दोबारा 41 साल बाद वो फिर से आएंगे। यानि साल 2055 में बजरंगी अपने भक्तों से मिलने फिर से यहां आएंगे।
आपको बता दें कि ‘मातंग’ एक ऐसी जनजाति है जो श्रीलंका के अन्य कबीलों से बिल्कुल अलग है। इनकी संख्या भी बेहद कम है। सेतु नामक संगठन के मुताबिक, ‘मातंग’ समुदाय का इतिहास रामायण काल से जुड़ा है। जैसा कि आप जानते ही हैं कि हनुमान जी को वरदान मिला था कि उनकी मृत्यु कभी भी नहीं होगी।
हालांकि पुराणों में बताया गया है कि भगवान राम के स्वर्ग गमन के बाद हनुमान जी अयोध्या से दक्षिण भारत के जंगलों में चले गए थे। इसके बाद समंदर को दोबारा लांघकर वो श्रीलंका पहुंचे। उस दौरान हनुमान जी जब तक वहां ठहरे, ‘मातंग’ कबीले के लोगों ने उनकी खूब सेवा की। इस सेवा के बदले हनुमान जी ने इस कबीले के लोगों को ब्रह्मज्ञान का बोध कराया। इसके साथ ही उन्होंने यह भी वादा किया कि वे हर 41 साल बाद उनसे मिलने जरूर आएंगे।