दुनियाभर में कई पौराणिक कहनिया है जिनपर यकीन कर पाना मुश्किल होता है. ऐसे में आप सभी ने रामयाण पढ़ी होगी जिसमे कई ऐसी बाते बताई गई है जिसे सुनकर हैरानी होती है. ऐसे में रामयण में रावण की मौत हो गई थी लेकिन क्या आप जानते हैं कि रावण की मौत के बाद मंदोदरी का क्या हुआ था. जी हाँ, इस बारे में अगर आपको नहीं पता है तो आइए आज हम आपको बताते हैं. जी दरअसल शास्त्रों में लिखा है कि मधुरा नामक एक अप्सरा कैलाश पर्वत पर शिव को अपने आप को समर्पित करने गयी थी.
वहीं शिव जी को देख उनके पास जाती है तभी माँ पार्वती अचानक वंहा आ जाती है और मधुरा के शरीर पर शिव जी की भष्म लगी देख क्रोधित हो जाती है और इसको श्राप दे देती है जिससे वह मेढ़क बन जाती है. इसके बाद शिव जी के कहने पर पार्वती ने कहा की यह तप करने के बाद अपने आपको इस श्राप से मुक्त कर सकती है. आप सभी को यह भी बता दे कि शास्त्रों में लिखा है कि असुरों के देवता, मयासुर और उनकी अप्सरा पत्नी हेमा के दो पुत्र थे लेकिन वह चाहते थे कि उनकी एक पुत्री भी हो और पुत्री इच्छा की प्राप्ति के लिए वो दोनों कठोर तप करने लगे इसकी तपस्या से भगवान खुश हो गए और इनको लड़की का वरदान दिया ,यह जब लौट कर आ रहे थे तभी मधुरा भी अपने श्राप से मुक्ति पा गयी थी और यह कुँए से मदद की पुकार कर रही थी. ऐसे में उनकी पुकार सुनकर मयासुर ने उन्हें बाहर निकालकर अपनी बेटी बना लिया.
वहीं उसके बाद उसका नाम मंदोदरी रख दिया. वहीं रावण और मयासुर एक अच्छे मित्र थे रावण जब मंदोदरी को देखता है तो उसपर मोहित हो जाता है और इस वजह से उन्होंने उनसे जबरन शादी कर ली. वहीं मंदोदरी रावण को गलत काम के लिए रोकती थी लेकिन वह नहीं मानता था ऐसे में जब रावण की मौत हो गयी तो मंदोदरी ने खुद को लंका के एक एकांत कमरे में बंद कर लिया और जब वह सदमे से बाहर निकली तो सभी के समझाने के बाद उन्होंने विभीषण से शादी कर ली.