बिहार के सरकारी स्कूलों के बच्चों को अब बाबू लोग पढ़ाएंगे। गुणवत्तापूर्ण शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए यह प्रयोग किया जा रहा है। शुरुआत पटना जिले से हो रही है। जिले के सभी सरकारी अधिकारियों और पदाधिकारियों को अपने क्षेत्र के सरकारी स्कूलों में हफ्ते में एक दिन एक घंटे बच्चों को पढ़ाने का काम सौंपा गया है। बच्चियों ने टॉयलेट साफ नहीं होने की शिकायत के साथ कॉमन रूम तक की मांग कर डाली। डीएम को शिक्षक की भूमिका में देखकर शिक्षिकाओं ने भी अपनी बात सामने रखी। डीएम संजय अग्रवाल का कहना है कि अधिकारियों के स्कूल में पढ़ाने से वैल्यू एडीशन होगा और शिक्षा की क्वालिटी में सुधार होगा। इस पहल से स्कूलों की मॉनिटरिंग भी होगी और स्कूल का रिजल्ट अच्छा होगा।
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