आमतौर पर लड़कपन में संगत खराब हो, यार दोस्त कुछ ऐसी क्लिप्स व्हाट्सएप पर फॉरवर्ड करते हैं, जिन्हें आम तौर पर युवा क्या बुजुर्ग भी अकेले में देखना पसंद करते हैं. कभी यही क्लिप्स इंडिया में ब्लू-फिल्मों के नाम से जानी जाती हैं. यहां तक कि एक पीढ़ी तो ऐसी फिल्मों को बाल-फिल्म पुकारते पुकारते जवान हुई और बुढापे में ब्लू-रे डिस्क की ओर बढ़ चली. लेकिन कभी सोचा है कि यह नाम ब्लू-फिल्म आया कहाँ से?
आजादी के बाद से देश में अधिकतर चीजें जो इस्तेमाल में हैं, वे अंग्रेजों की बनाई हुई है, यहां तक कि कानून और संविधान कहने को भारतीय हैं. लेकिन इनका भी अधिकतर हिस्सा अंग्रेजों से उधार में लिया हुआ है. ऐसा ही कुछ इस प्रतिबंधित शब्द ब्लू-फिल्म के साथ भी है. यह भी अंग्रेज़ों के कानून से लिया हुआ शब्द है, जिसे भारतीय बड़े फख्र से बुलाते हैं. ग्रेट ब्रिटन के कानून के अनुसार कुछ भी भद्दा या अश्लील काम करने को ब्लू कहा जाता है. कभी किसी ज़माने में ब्रिटन के कानून का एक हिस्सा ब्लू लॉ हुआ करता था.
इस ब्लू लॉ के तहत सन्डे को धार्मिक कार्यों के दौरान कुछ चीजों पर जबर्दस्त प्रतिबंध हुआ करता था. चूंकि सन्डे को प्र्याएर के लिए चैपल में जाना होता था तो ब्लू लॉ के अनुसार सन्डे को शराब की बिक्री प्रतिबंधित हुआ करती थी. इसी तरह अश्लील मजाक जो अक्सर ही कामुक प्रकृति का होता है उसे ब्लू ह्यूमर कहा जाता है
ये मॉडल कहलाती है रशियन किम कार्दशियन, इस लिये फॉलो करते हैं लाखों लोग
भारत में व्यस्क फिल्मों का कारोबार अच्छा-खासा है, लेकिन लोगों का इससे मन नही भरा तो अपनी कामुक फैंटेसी को परदे पर देखने के लिए एक पैरेलल इंडस्ट्री खड़ी हो गई, अवैध व्यस्क फिल्मों की. और ब्रिटेन से आया हुआ शब्द भी इस इंडस्ट्री से जुड़ गया, ब्लू-फिल्म. खुश मत होइए कि आपने इसे इंडस्ट्री की नीला नाम दिया है. भारत ही नहीं बल्कि श्रीलंका, इजराइल और नाइजीरिया जैसे देशों में भी इसे ब्लू फिल्म के नाम से ही जाना जाता है.