बिहार में पिछले कुछ दिनों से चल रहा बुलडोजर एक्शन अब राजनीतिक भूचाल बन चुका है। खुद NDA के बड़े घटक दल HAM के सुप्रीमो और केंद्रीय मंत्री जीतन राम मांझी ने शनिवार (6 दिसंबर 2025) को खुलकर सरकार की कार्यशैली पर सवाल उठाए। मांझी ने अतिक्रमण हटाने के अभियान को सही ठहराते हुए भी कहा कि जिस तरह से यह चल रहा है, वह पूरी तरह गलत है।
“सड़क किनारे गरीब-गुरबों को कुचल रहे, माफिया हंस रहे”
मांझी ने तीखे अंदाज में कहा, “बुलडोजर तो चल रहा है, लेकिन सड़क के किनारे बैठे छोटे-मोटे चाय वाले, फल वाले, रेहड़ी-पटरी वालों पर! जबकि असली माफिया लोग सरकारी जमीन पर 4-5 मंजिला मॉल और आलीशान बंगले खड़े कर चुके हैं। पहले उन पर बुलडोजर चलना चाहिए था। अगर बड़े माफिया को गिरा दिया जाता तो छोटे लोग खुद ही हट जाते। कोई विरोध भी नहीं करता।”
सुप्रीम कोर्ट का हवाला देकर सरकार को घेरा
केंद्रीय मंत्री ने सुप्रीम कोर्ट की गाइडलाइन का भी जिक्र किया और कहा, “सुप्रीम कोर्ट ने साफ कहा है – जब तक लोगों को वैकल्पिक रहने का इंतजाम नहीं कर दिया जाए, तब तक उन्हें नहीं हटाया जा सकता। हाँ, सरकार बसाने का काम कर रही है, ये अच्छी बात है, लेकिन तरीका गलत है।”
तेजस्वी की गैरमौजूदगी पर करारा तंज
विधानसभा के शीतकालीन सत्र में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव की अनुपस्थिति पर भी मांझी ने कोई कसर नहीं छोड़ी। उन्होंने कहा, “जनता ने तेजस्वी को जो बड़ा जनादेश दिया था, उसके अनुरूप उन्हें सदन में रहकर अपनी जिम्मेदारी निभानी चाहिए थी। मुझे लगता है कि शर्म, लज्जा और हार के दर्द के कारण ही वे इस सत्र में नहीं आए।”
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