भारतीय सेना ने सीमा पर निर्माण कार्यों में क्रांति ला दी है। पूर्वी कमान की त्रिशक्ति कोर ने सिक्किम और उसके आसपास चीन की सीमा पर पूरी तरह स्वदेशी आन-साइट 3डी कंक्रीट प्रिंटिंग तकनीक को चालू कर दिया है। इससे ऊंचाई वाले दुर्गम इलाकों में बंकर घंटों में बनकर तैयार हो जाएंगे।
भारतीय सेना ने सीमा पर निर्माण कार्यों में क्रांति ला दी है। पूर्वी कमान की त्रिशक्ति कोर ने सिक्किम और उसके आसपास चीन की सीमा पर पूरी तरह स्वदेशी आन-साइट 3डी कंक्रीट प्रिंटिंग तकनीक को चालू कर दिया है। इससे ऊंचाई वाले दुर्गम इलाकों में बंकर घंटों में बनकर तैयार हो जाएंगे।
सैन्य चौकियां भी तुरंत बन जाएंगी। रक्षा जनसंपर्क अधिकारी गुवाहाटी के ले. कर्नल महेंद्र रावत ने बताया कि यह तकनीक आइआइटी हैदराबाद के साथ मिलकर शुरू किए गए प्रोजेक्ट ‘प्रबल’ का हिस्सा है।
प्रोजेक्ट के तहत विकसित मोबाइल 3डी कंक्रीट प्रिंटर को विशेष रूप से पहाड़ी और सीमावर्ती क्षेत्रों के लिए बनाया गया है। पूरी यूनिट एक ट्रक में आसानी से ले जाई जा सकती है और बेहद कम समय में सेटअप हो जाती है।
प्रिंटर में रोबोटिक आर्म, कंक्रीट मिक्सर, पंप और अपना जनरेटर लगा हुआ है। यह स्थानीय रेत, गिट्टी और सीमेंट से ही काम कर लेता है। सबसे बड़ी खासियत यह है कि जरूरत के हिसाब से इसकी डिजाइन को बदला जा सकता है।
ले. कर्नल रावत ने बताया कि प्रिंट की गई संरचनाओं पर गोलीबारी और विस्फोट के लाइव परीक्षण किए गए हैं। परीक्षण में ये ढांचे सामान्य कंक्रीट निर्माण से कहीं अधिक मजबूत और सुरक्षात्मक साबित हुए हैं। इनकी दबाव सहने की क्षमता और ब्लास्ट रोधी ताकत असाधारण पाई गई है।
Live Halchal Latest News, Updated News, Hindi News Portal