Nissan GT-R से जुड़ी की इन बातों को नहीं जानते होंगे आप

नई दिल्ली निसान की जीटी-आर भारत में लॉन्च हो चुकी है, लगभग दो करोड़ रूपए की इस सुपरकार को टेक्नोलॉज़ी और परफॉर्मेंस का सरताज़ माना जाता है। फुर्तीला होने के साथ यह रेस ट्रैक पर यह बेजोड़ है। सबसे खास बात इसका कंफर्ट लेवल बेहतरीन लग्ज़री कारों जैसा ही है

img_20161212070802यह इसे एक लेज़ेंड और दुनिया की बेस्ट कार बनाती हैं। वैसे तो जीटी-आर के बारे में सभी को पता है इसके फैन इसके बारे में पूरी जानकारी रखते हैं लेकिन हम जीटी-आर से जुड़ी ऐसी बात आपको बताएंगे जिससे शायद आप अनजान होंगे।
साल 1947 में पहली बार निसान की स्काईलाइन कार में जीटी-आर ब्रांडिंग का इस्तेमाल हुआ था। इस कार में 2 लीटर का इंजन लगाया गया था जिसकी ताकत 160 पीएस थी। स्काईलाईन को जापान में हाकोसूका नाम से जाना जाता था।
जीटी-आर को जापान में ओबाकेमोनो भी कहा जाता है जिसका मतलब होता है रूप बदलने वाला मॉन्स्टर। ऑस्ट्रेलिया के मोटरिंग मैग्ज़ीन वहील्स ने इसे आर32 जीटी-आर को गॉडजिला जैसा बताया जो फोर्ड की सिएरा को पीछे छोड़ने की ताकत रखती थी तब से जीटी-आर का नाम गॉडज़िला पड़ गया।
जीटी-आर आज भी पूरी तरह से जापानी कार है निसान की यह कार 100 फीसदी जापान में बनायी जाती है। इसे कभी भी जापान के योकोहामा स्थित मुख्य फैक्ट्री के बाहर न तो बनाया गया न ही एसेंबल किया गया।
 जीटी-आर की खासियत है कि इसे पांच खास इंजीनियर ही तैयार करते हैं। इन्हें ताकूमी कहा जाता है। एक इंजीनियर सील पैक कमरे में 3.8 लीटर के वी-8 इंजन को हाथ से एसेंबल करता है। यही कारण है कि हर जीटी-आर की पावर एक जैसी नहीं होती है।

Powered by themekiller.com anime4online.com animextoon.com apk4phone.com tengag.com moviekillers.com