दरअसल, बीबीसी ने कहा कि इस मामले में मानहानि का कोई आधार नहीं है। बीबीसी के चेयरपर्सन समीर शाह ने व्हाइट हाउस को एक पत्र लिखा है, जिसमें कहा कि गया कि बीबीसी इस दुर्भाग्यपूर्ण गलती के लिए क्षमा चाहते हैं।
बीबीसी ने अपनी माफीनामा में क्या कहा?
अपने माफीनामा में बीबीसी ने कहा कि हम यह मानते हैं कि एडिटेड स्पीच लोगों के बीच अनजाने में यह धारणा पैदा कर दी गई कि वे पूरा भाषण देख और सुन रहे थे। जबकि उस भाषण के अलग-अलग हिस्सों को जोड़कर तैयार किया गया था। इससे लगा कि राष्ट्रपति ट्रंप ने यूएस कैपिटल हिल पर धावा बोलने के लिए अपने समर्थकों को उकसाया था।
मानहानि के दावे को बीबीसी ने बताया निराधार
वहीं, इस पत्र में बीबीसी की ओर से कहा गया कि वह इस डॉक्यूमेंट्री को किसी भी प्लेटफॉर्म पर दोबारा नहीं प्रसारित करेगा। बीबीसी ने आगे कहा कि इस वीडियो एडिटिंग पर हमें गहरा अफसोस है, लेकिन हम दृढ़ता से असहमत हैं कि इसमें मानहानि के दावे का कोई आधार नहीं है।
क्या है पूरा मामला?
गौरतलब है कि अमेरिका के राष्ट्रपति डोनल्ड ट्रंप ने 6 जनवरी, 2021 के यूएस कैपिटल हिल दंगे से कुछ घंटे पहले दिए गए अपने भाषण के साथ छेड़छाड़ प्रसारित करने के मामले में 9 नवंबर को बीबीसी को पत्र लिखकर कानूनी कार्रवाई की धमकी दी थी। इसके बाद ट्रंप ने बीबीसी से माफी मांगने, अपनी डॉक्यूमेंट्री को सभी प्लेटफॉर्म से वापस लेने और मुआवजे की मांग की थी।
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