लघु बचत स्कीम में ब्याज कटौती पर जेटली बोले- कैसे दे सकते हैं ज्यादा ब्याज

phpThumb_generated_thumbnail (25)जेन्सी/नई दिल्ली।

वित्त मंत्री अरुण जेटली ने लघु बचत योजनाओं पर ब्याज में कटौती के फैसले से पीछे नहीं हटने का संकेत देते हुए कहा कि अर्थव्यवस्था को दुरुस्त करने के लिए ऐसा करना जरूरी है। जेटली ने कहा कि छोटी बचत योजनाओं का एक पुराना फॉर्मूला है और यह कई वर्षों से चला आ रहा है। पिछली सरकार भी इसी आधार पर ब्याज दर तय करती थी।
 
बाजार तय करता है ब्याज दर
उन्होंने कहा कि ब्याज दर बाजार तय करता है और सरकार इसमें थोड़ी बहुत सब्सिडी देती है। पहले यह सालाना आधार पर तय होती थी लेकिन अब तिमाही आधार पर होती हैं।उन्होंने कहा कि बीच में ब्याज दरें बढ़ी तो सरकार पर बोझ पड़ा। बैंकों की ऋण दर में कमी आई है और वे जमा राशि पर अधिक ब्याज कैसे दे सकते हैं। अर्थव्यवस्था को दुरुस्त करने के लिए यह कदम उठाना जरूरी था। अब भी लघु बचत योजनाओं में ब्याज दर दुनिया में सर्वाधिक है। 
 
विपक्ष ने जताया था ऐतराज
गौरतलब है कि कांग्रेस सहित विभिन्न विपक्षी दलों ने लघु बचत योजनाओं पर ब्याज में कटौती करने पर सरकार की कड़ी आलोचना करते हुए इसे गरीबों, किसानों और मध्य वर्ग पर कड़ा प्रहार बताया और इसे वापस लेने की मांग की है। 
 
पेश हो सकता है जीएसटी बिल
जेटली ने साथ ही कहा कि वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) विधेयक संसद के बजट सत्र के दूसरे चरण में पेश किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि अधिकांश पार्टियां इसके पक्ष में हैं। साथ ही वह और संसदीय कार्य मंत्री एम वेंकैया नायडू इस बारे में कांग्रेस से बात कर रहे हैं और जीएसटी पर मतभेद दूर होते जा रहे हैं।

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