यमुना के बाढ़ क्षेत्र में जैव विधिता पार्क का निर्माण करेगी आर्ट ऑफ लिविंग संस्था

downloadएजेंसी/नई दिल्ली : यमुना किनारे एक बड़ा कार्यक्रम आयोजित करने को लेकर आलोचना का सामना कर रहे ‘आर्ट ऑफ लिविंग’ के गुरू श्री श्री रविशंकर ने पारिस्थितिकी को नुकसान पहुंचाने के आरोपों को मंगलवार को खारिज किया और कहा कि उनका संगठन उस क्षेत्र में एक जैव विविधता पार्क का निर्माण करेगा। रविशंकर ने यहां संवाददाताओं से कहा कि 11 से 13 मार्च तक आयोजित होने वाले विश्व सांस्कृतिक महोत्सव के लिए एक भी पेड़ नहीं काटा गया है और तटीय क्षेत्र में केवल चार पेड़ों की छंटाई की गई है।

श्री श्री बोले ग्रामीण भी खुश हैं हमसे

उन्होंने कहा, ‘ग्रामीणों ने कहा कि उनकी भैंसे पूर्व में कभी पानी के पास नहीं गईं। अब मुझे सूचित किया गया है कि वे भैंसे पानी में गई हैं। ग्रामीण बहुत प्रसन्न हैं। हम उस स्थान को वहां एक जैव विविधता पार्क का निर्माण करने के बाद छोड़ेंगे। पूर्व में हमारे स्वयंसेवकों ने यमुना से 512 टन कचरा साफ किया है। हमने कोई पेड़ नहीं काटा है केवल चार पेड़ों की छंटाई की है। हम यमुना को साफ करना चाहते हैं और हमें पर्यावरण की चिंता है।’ ये कार्यक्रम द आर्ट ऑफ लिविंग के 35 वर्ष मनाने के लिए डीएनडी फ्लाईओवर के पास यमुना के पश्चिमी तट के पास 11 से 13 मार्च तक आयोजित होना है। इसे केंद्र और दिल्ली सरकार का समर्थन हासिल है। इस कार्यक्रम में करीब 35 लाख लोगों के हिस्सा लेने की उम्मीद है।

पीएम मोदी कर सकते हैं कार्यक्रम का उद्घाटन

ये कार्यक्रम तब राष्ट्रीय हरित अधिकरण की नजर में आ गया जब कई अर्जियां दायर करके नदी तट को संभावित स्थाई नुकसान की चिंता को लेकर कार्यक्रम को रद्द करने की मांग की गई। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के शुक्रवार को कार्यक्रम का उद्घाटन करने का कार्यक्रम है। राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी को रविवार को इसके समापन कार्यक्रम में हिस्सा लेना था। यद्यपि मुखर्जी के कार्यालय ने कार्यक्रम को लेकर उत्पन्न विवादों के मद्देनजर अपरिहार्य परिस्थितियों का उल्लेख करते हुए उनके इसमें हिस्सा नहीं लेने की बात कही।

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