पहले कराते नशा फिर पिटाई और फिर जिस्म फरोसी

बालोद। कुछ दिन पहले बालोद एसपी शेख के निर्देशन में इलाहाबाद के बराव जिले से सात नाबालिग लड़कियों को बालोद पुलिस व क्राइम ब्रांच की टीम मिलकर छुड़ा कर लाईं थीं। उस दरिंदगी भरी जगह से आजाद होकर अपने घर को लौटी एक पीड़िता ने अपना दुख ‘नईदुनिया’ के साथ साझा किया। उन्होंने नईदुनिया को वहां घटित सारी बातों की जानकारी दी। इस दौरान पीड़िता मंजू (परिवर्तित नाम) फूट-फूटकर रो पड़ी।

जिस्म फरोसी पहले कराते नशा फिर पिटाई और फिर.......

लड़की ने रो-रो कर बतायी आपबीती

आप बीती बताते हुए मंजू ने कहा कि बराव जिला जहां के एक मकान में उन्हें रखा गया था। वहां हुस्न का बाजार लगता है, इसके बाद जिस्म की सौदेबाजी हुआ करती है। देश भर से अलग-अलग राज्यों से लाई गईं नाबालिग लड़कियों को इस जिस्म फरोसी के धंधों में उतारा जाता है। सजे-धजे कम कपड़ो में नाबालिग लड़कियां रेड लाइट एरिया की तरह बाजार में खड़ी रहती हैं। जहां जिस्म के सौदागर लड़के अपने हिसाब से लड़की पसंद करते है तथा उनके हुस्न की सुंदरता के हिसाब से उनका दाम लगाया करते है।

नीलाम हुई लड़कियों को डांस के नाम पर लाने वाले दलाल उन्हें दूसरे के हाथों बेच दिया करते थे। इसके बाद लड़कियां के एक ग्राहक से दूसरे ग्राहकों के बीच बिकने का सिलसिला चलता रहता है। लड़कियों के विरोध किये जाने के बाद भी उन्हें जबरदस्ती इस दलदल में धकेला जाता था। पीड़िता ने बताया कि बराव के उक्त अड्डे पर खुलकर नशा होता है। डांस के नाम पर बहला-फुसला कर लाई गई लड़कियों को भी नशे का आदी बनाने का प्रयास किया जाता है। कुछ दिनों के बाद लड़कियां नशे की आदी हो जाती है। प्रारंभिक तौर पर नशे का आदी बनाने के लिए लड़कियों को कोल्डड्रिंक में शराब मिलाकर पिलाई जाती है।

खाने में मिला के देते जवानी की गोली

वहीं खाने में नशीली दवा मिलाकर खिला दी जाती है। कुछ समय बाद लड़कियां उन नशीली चीजों की आदी हो जाती हैं और इस कारोबार में जुड़ जाती है। पीड़िता ने बताया कि इस अड्डे पर उनके पहुंचने के पहले नेपाल, देहरादून, उत्तराखंड से भी कुछ लड़कियां आई हुई थी। जो पल पल शराब व सिगरेट का सेवन करती रहती थी।

बंद कमरे में करते थे बेरहमी से पिटाई और जिस्म फरोसी

जो लड़कियां दलाल शेरू व उनके साथियों की बात नहीं मानती थी, अश्लील डांस करने से इंकार करती थी, जो ग्राहकों को देखकर चेहरे पर मुस्कान नहीं लाती थी, ऐसी लड़कियों को बंद कमरे में निर्वस्त्र कर बेरहमी के साथ पीटा जाता था। लड़की की पिटाई व चीख पुकार बाहर खड़ी अन्य नई लड़कियां सुनती थी। लड़कियां इस मारपीट व चीख की आवाज सुनकर जान के डर से इस कारोबार में मजबूर होकर उतर जाती थी और वे जैसा कहे वैसा करने के लिए तैयार हो जाया करती थी।

छह लड़कियों की तलाश में गई पुलिस टीम को पुख्ता जानकारी मिल चुकी है। जल्द ही इन लड़कियों को छुड़ाने के साथ सरगना व अन्य आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया जाएगा। पहली प्राथमिकता हमारी उन लड़कियों को बरामद करना है।

– शेख आरिफ हुसैन एसपी बालोद

साभार:नईदुनिया.कॉम

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