धोनी के अलावा कोई और नहीं कर पाया यह कारनामा

धोनी के अलावा कोई और नहीं कर पाया यह कारनामाभारतीय सीमित ओवरों के कप्तान महेंद्रसिंह धोनी आज (7 जुलाई) को 35 वर्ष के हो गए। झारखंड के पहले अंतरराष्ट्रीय क्रिकेटर महेंद्रसिंह धोनी ने भारतीय क्रिकेट को नई दिशा प्रदान की। छोटे शहर रांची से आकर टीम इंडिया की कमान संभालने का धोनी का सफर किसी परीकथा से कम नहीं है।

धोनी 2004 में क्रिकेट में अंतरराष्ट्रीय पदार्पण कर मात्र तीन साल में भारत के कप्तान बने। 2007 में दिग्गजों की अनुपस्थिति में अपने नेतृत्व में युवा टीम इंडिया को पहले ट्‍वेंटी-20 विश्व कप में चैंपियन बनाकर उन्होंने अपना डंका बजाया।

इसके अगले ही वर्ष उन्हें टेस्ट टीम की कमान भी सौंप दी गई। उनके नेतृत्व में टीम ने ऑस्ट्रेलिया, इंग्लैंड और न्यूजीलैंड पर यादगार जीत दर्ज की। धोनी के प्रेरणादायी नेतृत्व में ही टीम इंडिया टेस्ट रैंकिंग में पहली बार नंबर वन बनीं। वैसे इसके बाद उनकी कप्तानी के दौरान ही टीम को 2011 और 2012 में इंग्लैंड और ऑस्ट्रेलिया में लगातार 4-0 की क्लीन स्वीप का सामना करना पड़ा। टीम ने नंबर वन रैंकिंग भी उनके नेतृत्व में ही गंवाई।

धोनी के करियर की सबसे बड़ी सफलता 2011 वन-डे विश्व कप में देखने को मिली, जब उनके नेतृत्व में टीम इंडिया विश्व कप चैंपियन बना। यह धोनी का कमाल ही था कि 2013 में टीम इंडिया ने अपने घर में ऑस्ट्रेलिया का 4-0 से सफाया किया और चैंपियंस ट्रॉफी पर भी कब्जा जमाया।

इसी के साथ धोनी दुनिया के ऐसे पहले कप्तान बन गए जिन्होंने अपने नेतृत्व में टीम को आईसीसी के तीनों प्रमुख खिताब (2007 टी-20 विश्व कप, 2011 वन-डे विश्व कप और 2013 आईसीसी चैंपियंस ट्रॉफी) दिलाए। उनके नेतृत्व में टीम इंडिया 2014 टी-20 विश्व कप फाइनल, 2015 वन-डे विश्व कप सेमीफाइनल और 2016 ट्‍वेंटी-20 विश्व कप विश्व कप के सेमीफाइनल तक पहुंची।

धोनी की नेतृत्व क्षमता का जादू आईपीएल में भी देखने को मिला, जहां उन्होंने चेन्नई सुपर किंग्स (सीएसके) को दो बार (2010 तथा 2011) विजेता बनाया। उनकी अगुआई में सीएसके दो बार चैंपियंस लीग (2010 और 2014) जीतने में भी सफल रहा।

धोनी की पहचान भारत के सबसे सफल टेस्ट कप्तान के रूप में है। उन्होंने सबसे ज्यादा 60 टेस्ट में टीम का नेतृत्व किया जिनमें से टीम ने 27 मैचों में जीत दर्ज की जबकि 18 में उसे हार का सामना करना पड़ा। कप्तान के रूप में उनके नाम सबसे ज्यादा टेस्ट जीत (27 टेस्ट) और घर में सबसे ज्यादा टेस्ट जीत (21) का रिकॉर्ड भी दर्ज है। धोनी वैसे टेस्ट मैचों से संन्यास ले चुके हैं, लेकिन सीमित ओवरों में उन्होंने अभी भी टीम की कमान संभाली हुई है।

 

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