ढाका आतंकी हमले में दो और गिरफ्तारी, खुफिया ठिकाने पर रखे गए

dhaka-attackers_04_07_2016ढाका। बांग्लादेश की राजधानी के एक रेस्त्रां में हुए सबसे बड़े आतंकी हमले के सिलसिले में दो लोगों को हिरासत में लिया गया है। ढाका प्रशासन ने इन आतंकियों के अंतरराष्ट्रीय संपर्कों के बारे में जांच शुरू कर दी है। साथ ही पूछताछ के लिए मारे गए कुछ आतंकियों के परिजनों की भी धरपकड़ शुरू कर दी है।

हालांकि सोमवार को हुई इस धरपकड़ के बारे में आईजी पुलिस एकेएम शहीदुलहक ने कोई जानकारी नहीं दी है। पकड़े गए दो लोगों की पहचान और उन्हें रखने के ठिकाने गुप्त रखे गए हैं। बताया गया है कि दोनों इस समय शारीरिक रूप से बीमार हैं। उनकी हालत सुधरने पर उनसे पूछताछ होगी।

इनमें से एक अस्पताल में और दूसरा हिरासत में है। मारे गए आतंकियों के बारे में अधिक जानकारी जुटाने के लिए इनमें से एक आतंकी जिसकी पहचान मोहम्मद खैरुज्जमान उर्फ बंधोन के रूप में हुई है, उसके परिजनों से पूछताछ जारी है।

मदरसे से पढ़ा यह आतंकी एक साल से लापता था। उसका परिवार उत्तरी बांग्लादेश के राजशाही स्थित बोगरा में रहता है। अधिकारियों का कहना है कि पूरे बांग्लादेश में ऐसे अनेकों परिवार से तफ्तीश हो रही है जिनके घर का कोई सदस्य अरसे से लापता है।

इस बीच, अमेरिकी विदेश मंत्री जॉन कैरी ने बांग्लादेशी प्रधानमंत्री शेख हसीना को इस आतंकी हमले की जांच में अमेरिकी जांच एजेंसी एफबीआई की मदद देने की पेशकश की है। उन्होंने हसीना से फोन पर बात करके कहा कि एफबीआई और अन्य अमेरिकी एजेंसियों की तत्काल मदद से जांच को अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुरूप ढाला जा सकेगा।

फेसबुक से हुई तीन आतंकियों की पहचान की पुष्टि

एक अन्य पुलिस अधिकारी ने बताया कि आइएस आतंकी संगठन की ओर से जारी की गई आतंकियों की तस्वीरों में चार की पहचान कर ली गई है। सभी हमलावरों की उम्र 20 से 29 साल के बीच थी। इनमें से चार बेहद रईस खानदान से थे और ढाका के बड़े स्कूलों, यूनिवर्सिटी और विदेश में पढ़ चुके थे।

बांग्लादेश की पुलिस इन आतंकियों की पहचान की पुष्टि उनकी फेसबुक पोस्ट से कर रही है। आईएस की वेबसाइट पर जारी पांच आतंकियों की तस्वीरों में से तीन की पुष्टि उनकी फेसबुक आईडी से हो गई है।

काले झंडे के आगे खड़े इन आतंकियों के नाम हैं- निब्रास इस्लाम, रोहन इम्तियाज (बांग्लादेशी नेता का बेटा) और मीर सामेह मुबाशीर है। पुलिस का कहना है कि सभी हथियारबंद आतंकी स्थानीय थे और उनमें से पांच पर सरकार की पहले से नजर थी। छह में से तीन आतंकी पिछले छह महीने से लापता थे।

विवि में पढ़े आतंकियों का लीडर मदरसे में पढ़ा था

विगत शुक्रवार को मारे गए आतंकियों में से एक मलेशियाई की यूनिवर्सिटी में पढ़ाई कर रहा था। उसके परिजनों का कहना है कि उन्हें इस बात का जरा भी अंदाजा नहीं है कि वह घर लौट आया था और हमले में शामिल हुआ था।

अजीब बात यह है कि इस हमले में आतंकियों का लीडर बांग्लादेश के गांव बोगरा से था और एक मदरसे में पढ़ा था। पुलिस को पिछले सात महीनों से बोगरा के इस आतंकी मोहम्मद खैरुज्जमान की तलाश थी। यह पश्चिमोत्तर क्षेत्र में तीन भीषण आतंकी हमले कर चुका था।

उल्लेखनीय है कि इस हमले में भारतीय युवती तारिषी जैन, इटली के नौ नागरिक, जापान के सात, बांग्लादेशी मूल के एक अमेरिकी और दो बांग्लादेशी बंधकों को आतंकियों ने मार डाला था।

 

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