केरल में अदालत ने 2013 में की गई बुजुर्ग दंपति की हत्या में दोषी पाए जाने पर व्यक्ति को मौत की सजा सुनाई..

केरल में कोट्टयम की एक स्थानीय अदालत ने 2013 में की गई बुजुर्ग दंपति की हत्या में दोषी पाए जाने पर 39 साल के एक व्यक्ति को मौत की सजा सुनाई है। वहीं अदालत ने आरोपी पर दो लाख रुपए का जुर्माना भी लगाया है।

 केरल में कोट्टयम की एक स्थानीय अदालत ने 2013 में की गई बुजुर्ग दंपति की हत्या में दोषी पाए जाने पर 39 साल के एक व्यक्ति को मौत की सजा सुनाई है।

कोट्टयम की स्थानीय अदालत के न्यायाधीश जे नासिर ने कोट्टायम में मणिमाला के पास पझायिडोम के मूल निवासी अरुण ससी को फांसी की सजा सुनाई है। वहीं,उस पर दो लाख रूपए का जुर्माना भी लगाया गया है।

लूट के इरादे से की दंपत्ति की हत्या

साल 2013 में अरुण ससी ने अपने रिश्तेदार थंकम्मा (68) और उसके पति भास्करन नायर (71) की लूट के इरादे से हत्या कर दी थी।

इस मामले में अदालत ने मौत की सजा सुनाते हुए कहा कि दोषी को बुजुर्ग दंपति की रक्षा करनी थी क्योंकि उनकी बेटियां विदेश में थीं। लेकिन उसने एक नृशंस हत्या की जिसे उचित नहीं ठहराया जा सकता है।

2 लाख रुपए के जुर्माने के संग सजा-ए-मौत

स्थानीय अदालत ने दोषी पर 2 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया है।साथ ही उसे लूटपाट के लिए घातक हथियार का इस्तेमाल करने और मौत की सजा के अपराध को अंजाम देने के लिए घर में घुसने के लिए क्रमशः सात और पांच साल के सश्रम कारावास की सजा सुनाई है। दरअसल यह घटना 28 सितंबर 2013 की है।

हथौड़े से आरोपी ने किया था वार

अरुण ससी ने पैसों के लालच के चलते पझायिडोम में एक सेवानिवृत्त पीडब्ल्यूडी अधीक्षक भास्करन और एक सेवानिवृत्त केएसईबी अधिकारी थंकम्मा की सिर पर हथौड़े से वार कर हत्या कर दी थी।

बुजुर्ग दंपत्ति की हत्या करने के चलते आरोपी अरुण ससी को आईपीसी की धारा 302 (हत्या), 449 (अतिचार) और 397 (डकैती) के तहत मौत की सजा सुनाई गई है।

अदालत ने दोषी के लिए अधिकतम सजा की अभियोजन पक्ष की मांग को स्वीकार कर लिया और उसे जुर्माने के साथ मौत की सजा सुना दी गई।

क्या थी पूरी घटना

अरुण ससी ने 2013 में अपने ही रिश्तेदारों की हत्या कर दी। वह दंपति का विश्वासपात्र था। हत्या के इरादे से उसने दंपत्ति पर घातक हथियार से हमला किया था।

जब थंकम्मा कपड़े लेने के लिए ऊपर गई, तो अरुण ने भास्करन के सिर के पिछले हिस्से पर वार किया और तकिये से उसका गला दबा दिया।

भास्करन के शरीर पर 13 चोटें थीं, जिनमें से 11 सिर पर थीं। वहीं अरुण ने दंपति की हत्या के 21 दिन बाद एक बार और घर में डकैती का प्रयास किया, जिसने साबित कर दिया कि वह किसी भी तरह की नरमी के लायक नहीं है।

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