कानपुर में कोरोना काल के बाद से शहर में वायरल बीमारियां हुई हावी..

कानपुर में कोरोना काल के बाद से शहर में वायरल बीमारियां हावी हो गईं तो प्रोटोजोआन बीमारियों पर ब्रेक लग गया। हालांकि कोरोना काल से पहले प्रोटोजोआन बीमारियां का ग्राफ सर्वाधिक रहा था। आलम यह है कि 2020 से पहले वायरल और प्रोटोजोआन बीमारियों का औसत 14 रहा लेकिन अब यह उल्टा हो गया है। आंकड़ा 41 हो गया है।

जिला मलेरिया विभाग ने सैम्पलिंग के आधार पर वायरल और प्रोटोजोआन बीमारियों का आकलन कर रिपोर्ट तैयार की है। रिपोर्ट की मानें तो कोरोना काल से पहले शहर में हर कोने में प्रोटोजोआन पैरासाइट्स से पनपने वाले पेचिश, मलेरिया, टायफाइड, चिकनपाक्स और हेपेटाइटिस ए के केस बढ़ते रहे। प्रोटोजोआन पैरासाइट्स की शहर में मौजूदगी टॉप पर रही है। 

शहर में 2016 में 76 हजार की सैम्पलिंग में 388 प्रोटोजोआ पैरासाइ्टस सैंपल पॉजिटिव मिले थे, जबकि इस साल जनवरी से अक्तूबर तक 2.36 लाख सैंपलों में सिर्फ सात प्रोटोजोआ पैरासाइट्स के पॉजिटिव मिले हैं। उधर, वायरल बीमारियां यानी डेंगू, इंसेफेलाइटिस,जीका और वायरल फीवर के केस चार गुना बढ़ गए हैं। 2016 में डेंगू के केस मात्र 41 रिपोर्ट हुए थे,जबकि 2022 में संख्या सिर्फ एक महीने में 13 सौ पार कर गई है।

प्रोटोजोआ पैरासाइट्स सैंपल पॉजिटिव
वर्ष      सैंपल पॉजिटिव

2016    388
2017    299
2018    403
2019    426
2020     17
2021     15
2022      7

जिला मलेरिया अधिकारी, डॉ. एके सिंह ने कहा कि शहर में बीमारियां फैलने का नया ट्रेंड सामने आया है। प्रोटोजोआन बीमारियां का ग्राफ नीचे गया है जबकि वायरल बीमारियां कई गुना बढ़ गई हैं। बीमारियों के इस ट्रेंड पर रिसर्च की जरूरत है। ऐसा क्यों हुआ है, इसकी वजह सामने आ सकती है।

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