अमरीका से Modi को मिली तालियां तो PAK को मिले लड़ने के लिए पैसे और हथियार

uu-1458241594 (1)एजेंसी/ वाशिंगटन। अमरीका की ओर से पाकिस्तान को दी जाने वाली मदद में कटौती से जुड़े दो विधायी संशोधन पर अमरीकी प्रतिनिधि सभा में गिर गए। अधिकतर सांसदों का तर्क था कि पाकिस्तान भले ही आतंकवाद के खिलाफ युद्ध में ज्यादा कुछ न कर रहा हो, लेकिन उससे संबंध जरूरी है। 

सदन में गिरने वाला पहला संशोधन कांग्रेस सदस्य टेड पो लाए थे। उन्होंने गठबंधन सहयोग कोष में से पाकिस्तान को दी जाने वाली 90 करोड़ डॉलर की मदद को कम करके 70 करोड़ डॉलर करने की मांग की थी। यह संशोधन सदन के पटल पर 191-230 मतों के अंतर से गिर गया। दूसरा संशोधन कांग्रेस सदस्य डाना रोहराबचर का था जिसमें पाकिस्तान को मदद उपलब्ध करवाने में कोष का इस्तेमाल न करने की मांग की गई थी। यह संशोधन प्रस्ताव भी 84-236 मतो के अंतर से गिर गया।

कांग्रेस सदस्य टेड पो और सीआईए का मानना है कि पाक हर किसी के साथ खेल रहा है। हमारा धन लेकर यह आईएसआई के हाथों से होता हुआ अंतत: उस तालिबान और अफगानिस्तान के हाथ में जाता है जो अमरीकियों की हत्या कर रहे हैं।

पाकिस्तान के प्रति अमरीका की ये हमदर्दी मोदी-ओबामा के रिश्तों की खोल रही पोल

पाकिस्तान के प्रति अमरीका की ये हमदर्दी मोदी-ओबामा के रिश्तों की पोल खोलती है और आगाह करती है कि भारत को अमरीका के प्रति भावुक न होकर पेशेवर रवैया अपनाना होगा। इसके साथ ही भारत को कूटनीति में बदलाव लाने होंगे। इस बात की भी संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता कि एनएसजी के लिए अमरीका की नरमी और समर्थन भारत के लिए दिखावा भी हो सकती है।

आपको बता दें कि ये वो ही सांसद हैं, जो हाल ही में प्रधानमंत्री मोदी के 46 मिनट के भाषण के दौरान करीब नौ बार सम्मान में खड़े हुए जबकि 72 बार तालियां बजाई। इसके बाद जैसे ही उन्होंने अपनी स्पीच खत्म की अमरीकी सांसदों में उनका ऑटोग्राफ लेने की होड़ लग गई। पर भारत की लाख कोशिशों के बाद भी वे पाक को मदद करने सो नहीं रुक रहे। 

इन सभी बातों के साथ ये भी एक बड़ी घटना है कि बुधवार को अमरीकी सीनेट ने भारत को झटका देते हुए उस महत्वपूर्ण संशोधन को खारिज कर दिया, जिसके पास होने से भारत अमरीका का वैश्विक रणनीतिक और रक्षा भागीदार बन सकता था।

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